55 Amazing Facts About Kangaroo in Hindi | कंगारू के बारे में रोचक तथ्य

Amazing Facts About Kangaroo in Hindi : नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे एक और नयी पोस्ट Amazing Facts About Kangaroo in Hindi में | इस पोस्ट में हम कंगारू के बारे में रोचक तथ्य को जानेंगे , जिसके बारे में शायद ही आपको पता होगा , तो चलिए जान लेते हैं कंगारू के बारे में रोचक तथ्य ( Amazing Facts About Kangaroo in Hindi ) क्या है ? 

Amazing Facts About Kangaroo in Hindi

1. कंगारू (Kangaroo) मार्सुपियल वर्ग का जीव है. मार्सुपियल्स वे जीव होते हैं, जो अपने पेट के पास बनी थैली में अपने बच्चों को लेकर चलते हैं.

2. ‘कंगारू’ नाम की उत्पत्ति एक आदिवासी भाषा ‘गुगु यिमिहिर’ (Guugu Yimithirr) के एक शब्द गंगरु (Gangurru) से हुई है, जिसे आदिवासी पूर्वी ग्रे कंगारू (Eastern Grey Kangaroo) का वर्णन करने के लिए इस्तेमाल किया करते थे.

3. ‘कंगारू’ शब्द का सबका पहला उल्लेख 12 जुलाई 1770 में सर जोसफ बैंक्स की डायरी में मिलता है. कैप्टेन कुक ने 4 अगस्त 1770 में अपनी डायरी में इस जानवर का उल्लेख किया है. दोनों ने इस कुकटाउन (cooktown) में पहली बार देखा था.

4. लोगों में यह मिथक प्रचलित है कि अंग्रेजी भाषा में ‘कंगारू’ शब्द का अर्थ है – I don’t know (‘मैं नहीं जानता’). सर जोसेफ बैंक्स और कैप्टेन कुक ने जब पहली बार इस जानवर को देखा, तो आदिवासियों से पूछा ‘ये क्या है?’ और जवाब मिला ‘कंगारू’, जिसका अर्थ था – I don’t know (‘मैं नहीं जानता’). उन्हें लगा ‘कंगारू’ उस जानवर का नाम है. पर बाद में यह ज्ञात हुआ कि ‘गुगु यिमिहिर’ भाषा का शब्द गंगरु (Gangurru) वास्तव में कंगारू की एक प्रजाति से संबंधित है.

5. दुनिया में कंगारू की चार मुख्य प्रजातियाँ हैं : 1) लाल कंगारू (Red Kangaroo), (2) पूर्वी ग्रे कंगारू (Eastern Grey Kangaroo), (3) पश्चिमी ग्रे कंगारू (Western Grey Kangaroo) और (4) एंटीलोपाइन कंगारू (Antilopine Kangaroo)

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6. कंगारू मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया में पाए जाते हैं. लेकिन अन्य स्थान पर भी इनकी कुछ प्रजातियाँ देखने को मिलती हैं, जैसे पापुआ न्यू गिनी में. पापुआ न्यू गिनी में पाई जाने वाली कंगारू की प्रजाति ट्री-कंगारू (Tree Kangaroo) है.

7. कंगारू दुनिया का एकमात्र विशाल जीव हैं, जो कूदते हुए (Hopping) चलता है. सामान्यतः वे लगभग 13-15 मील/ घंटे की गति से हॉप करते हैं. हालांकि, खतरे की स्थिति में वे थोड़े समय के लिए लगभग 40 मील/घंटे की गति से हॉपिंग करते हुए भाग सकते हैं.

8. प्रजाति अनुसार कंगारू लभगग 5 से 6 फ़ीट (1.5 मीटर से 1.8 मीटर) तक लंबे हो सकते हैं. इनका वजन 50 से 120 पौंड (23 किलोग्राम से 55 किलोग्राम) तक हो सकता है.

9. कंगारुओं की सबसे बड़ी प्रजाति रेड कंगारू (Red Kangaroo) है और सबसे छोटी प्रजाति कस्तूरी चूहा कंगारू (Musky Rat Kangaroo) है.

10. दुनिया के सबसे बड़े मर्सूपियल लाल कंगारू (Red kangaroo) है. ये 2 मीटर ऊँचाई तक बढ़ सकते हैं. इनका वजन 200 किलोग्राम तक हो सकता है. इनकी छलांग लगाने की क्षमता 10 फीट तक है. इसके साथ ही ये 60 kph या 40 mph गति से 25 फीट दूर तक छलांग लगाने में सक्षम होते हैं.

11. दूसरे सबसे बड़े मार्सुपियल ‘पूर्वी ग्रे कंगारू’ (Eastern Grey Kangaroo) हैं. ये 1.8 मीटर की ऊँचाई तक बढ़ सकते हैं. इनका वजन 130 पाउंड या 60 किलो तक हो सकता है. ये अधिकतम 50 किलोमीटर/घंटे की गति से 29 फीट दूर तक छलांग लगा सकते हैं.

12. दुनिया के तीसरा सबसे बड़े मार्सुपियल वेस्टर्न ‘ग्रे कंगारू’ (Western Grey Kangaroo) है. ये अपने पूर्वी समकक्ष से थोड़े छोटे होते हैं और इनका वजन 110 पाउंड या 50 किलो तक हो सकता है.

13. नर कंगारू मादा कंगारू से ऊँचे और भारी होते हैं.

14. जंगल में कंगारू का जीवनकाल लगभग 6 साल होता है. चिड़ियाघर में रहते हुए पूरी देखरेख में ये 20 साल तक जीवित रह सकते हैं.

15. वयस्क नर कंगारुओं को बक, जैक और बूमर (Buck, Jack and Boomer) कहा जाता हैं.

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16. वयस्क मादा कंगारूओं को जिल, फ्लायर और डो (Jill, Flyer and Doe) कहा जाता है.

17. कंगारुओं के बच्चे को ‘जॉय’ (joeys) के नाम से जाना जाता है.

18. कंगारुओं के आगे के पैर छोटे, लेकिन पिछले पैर बड़े और मजबूत होते हैं. पूंछ और पिछले पैरों की मदद से वे कूद-कूदकर आगे बढ़ते हैं.

19. कंगारू दो पैरों पर जल्दी-जल्दी कूद सकते हैं या चारों पैरों से धीरे-धीरे चल सकते हैं. ये पीछे की ओर नहीं चल सकते.

20. कंगारूओं अपनी लंबी और भारी पूंछ को पांचवे अंग के तौर पर इस्तेमाल करता है. उसकी लंबी और मजबूत पूंछ आमतौर पर छलांग लगाते समय संतुलन बनाए रखने में सहायक होती है.

21. कंगारू काफ़ी ऊँचाई तक कूद सकते हैं. ये ऊँचाई उनकी ख़ुद की ऊँचाई की तीन गुना तक हो सकती है.

22. एक छलांग में कंगारू लगभग 16 फीट की दूरी तय कर सकता है.

23. कंगारू के पंजे में अंगूठे नहीं होते. इनकी 4 उंगलियाँ होती हैं, जिसमें से दूसरी और तीसरी उंगली झिल्ली से जुड़ी रहती है. चौथी और पांचवीं उंगली बड़ी होती है. चौथी उंगली में नाखून होता है.

24. झिल्लीदार पंजे होने के कारण कंगारू तैरने में सक्षम होते हैं.

25. कंगारूओं के पैरों के नाखून काफ़ी तेज होते हैं. एक-दूसरे या शिकारी जानवरों से भिड़ंत होने पर वे इसका इस्तेमाल करते हैं.

26. कंगारुओं के बारे में एक अजीब बात यह है कि वे जमीन पर चलते समय अपने पिछले पैरों को अलग-अलग नहीं हिला सकते. लेकिन पानी में वे पिछले पैरों को अलग-अलग हिला सकते हैं, जो उन्हें तैरने में मदद करता है.

27. अधिकांश कंगारू left-handed होते हैं.

28. कंगारुओं की दृष्टि कमज़ोर होती है. जन्म उपरांत उनमें से कई पूर्णतः अंधे होते हैं. माना जाता है कि यह अंधापन आनुवंशिक होता है.

29. कंगारू अपने शरीर को पूरा घुमाए बिना ही आवाज़ की दिशा में अपने कान मोड़ सकते हैं.

30. कंगारू रात्रिचर (nocturnal) होते हैं. वे अपने दिन का अधिकांश समय पेड़ की छाया में आराम करते हुये बिताते हैं और केवल रात, देर शाम या सुबह सक्रिय होते हैं.

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31. कंगारूओं के सोने की स्थिति इंसानों की तरह ही होती है. वे क्षैतिज स्थिति (Horizontal Position) में लेटकर सोते हैं.

32. कंगारू पूर्णतः शाकाहारी (herbivores) जानवर हैं. प्रजाति अनुसार उनके आहार में भिन्नता देखते को मिलती है. लाल कंगारू छोटे पौधे, पूर्वी ग्रे कंगारू घास और कई छोटे कंगारू कवक (Fungi) खाते हैं.

33. कंगारुओं के समूह को मोब (mob), ट्रूप (troop) या कोर्ट (court) कहा जाता है.

34. कंगारू समूह में रहने वाले जीव हैं. वे अकेले रहना पसंद नहीं करते. नर और मादा मिलकर लगभग 10 के समूहों में रहते हैं. समूह का सबसे मजबूत और सबसे बड़ी उम्र का कंगारू समूह का मुखिया होता है. समूह के मुखिया को ही मादा के साथ संभोग का अधिकार होता है.

35. ट्री कंगारुओं (Tree Kangaroos) के अतिरिक्त समस्त कंगारूओं के पिछले पैर बड़े और मजबूत होते हैं. ट्री कंगारुओं के पिछले पैर छोटे और कमजोर होते हैं.

36. कंगारू अपने शरीर से कोई मीथेन नहीं छोड़ते हैं. यह किसी शाकाहारी जानवर के लिए बहुत असामान्य बात है. वे अक्सर ऊर्जा के लिए अपने शरीर से मीथेन का उपयोग करते हैं.

37. कंगारुओं को पानी का सेवन करने की आवश्यकता होती है, लेकिन वे पानी पिए बिना भी कई दिनों तक जीवित रह सकते हैं.

38. कंगारुओं को अक्सर एक-दूसरे से लड़कर ताकत का प्रदर्शन करते हुए देखा जा सकता है. मादा कंगारू ताकतवर नर कंगारू के साथ संभोग कर बच्चे पैदा करती है. कंगारू अपने सामने के पैरों से एक-दूसरे को पकड़ते हैं और पिछले पैरों से किक मारते हैं.

39.  मादा कंगारुओं की तीन योनी और दो गर्भाशय होते हैं.

40.  मादा कंगारुओं की गर्भधारण अवधि 31 से 36 दिनों की होती है.

41. सामान्यतः मादा कंगारू जब वह कम आयु की होती हैं, तो मादा कंगारू को जन्म देती हैं और जब बड़ी आयु की होती हैं, तो नर कंगारू को जन्म देती हैं.

42. जन्म के समय कंगारूओं के नवजात शिशु पूर्ण विकसित नहीं होते. वे 5 cm लम्बे होते हैं, लगभग एक अंगूर जितने. बाल रहित गुलाबी रंग के नवजात शिशु के सामने के दो हाथ ही विकसित हुए होते हैं, जिसकी सहायता से जन्म उपरांत वे अपनी माँ के पेट पर चढ़कर थैली में चले जाते हैं और 4 में से एक थन (Teat) से चिपके रहते हैं.

43. जन्म के ठीक बाद, कंगारू के बच्चे स्थायी रूप से अपनी माँ के चूचक/थन (teats) से जुड़े रहते हैं. जैसे-जैसे वे बड़े होते जाते हैं, वे चूचक से अलग हो जाना और जुड़ जाना सीखते जाते हैं. कई महीने तक उनके शरीर पर बाल नहीं आते. जब तक उसके शरीर पर बाल आते हैं, वे इतने बड़े हो चुके होते है कि अपनी माँ की थैली से बाहर आ सकें.

44. 4 माह के होने के बाद वे थैली में से थोड़ी-थोड़ी देर के लिए बाहर आने लगते हैं. समय के साथ वे थैली के बाहर अधिक समय बिताने लगते हैं और बहुत कम थैली में वापस आते हैं. अंततः वे थैली को स्थायी रूप से छोड़ देते हैं.

45. बच्चे को जन्म देने के उपरांत मादा कंगारू पुनः गर्भवती हो सकती है. लेकिन इस बार दूसरा बच्चा तब तक गर्भ से बाहर नहीं आता, जब तब पहला बच्चा माँ की थैली न छोड़ दे. इस तरह गर्भावस्था को टालने की इस प्रक्रिया को “Embryonic Diapause” कहा जाता है.

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46.  नर कंगारू लगभग 2 वर्ष की आयु में अपनी माँ की थैली छोड़ देते हैं, जबकि मादा कंगारू दुगुने समय तक थैली में रहती हैं.

47. मस्की रैट कंगारू (Musky Rat Kangaroo) कंगारू की एकमात्र प्रजाति है, जो छलांग नहीं लगा सकती.

48.  कंगारू ऑस्ट्रेलिया का अनौपचारिक प्रतीक है. देश की कुछ मुद्रा और राष्ट्र-प्रतीक में भी यह दिखाई देता है. रॉयल ऑस्ट्रेलियाई वायु सेना और अन्य संगठन जैसे कांतस (Qantas) द्वारा भी कंगारू का प्रतीक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.

49.  ऑस्ट्रेलिया में कंगारूओं की संख्या इंसानों की संख्या से अधिक है. वर्ष 2020 में जहाँ ऑस्ट्रेलिया की आबादी 25.88 मिलियन थे, वहीं कंगारू की आबादी 50 मिलियन थी (अनुमान अनुसार).

50. पिछले कुछ वर्षों में ऑस्ट्रेलिया में कंगारूओं की संख्या में वृद्धि देखने को मिली है. वर्ष 2010 में ऑस्ट्रेलिया में 27 मिलियन कंगारू थी, जो 2016 तक 45 मिलियन हो चुके थे. अनुसार वर्ष 2020 में ऑस्ट्रेलिया में लगभग 50 मिलियन कंगारू है.

51. कंगारुओं को उनके मांस, खाल और घास के मैदानों को बचाने के लिए मारा जाता है.

52. वसा की मात्रा कम (मात्र 2%) होने के कारण कंगारू का मांस स्वास्थ्य की दृष्टि से विशेषकर वजन कम करने के हिसाब से उत्तम माना जाता है.

53. ऑस्ट्रेलिया में लोग कंगारू का मांस बड़े चाव से खाते हैं और उसकी पूंछ का सूप भी बेहद पसंद करते हैं.

54. ऑस्ट्रेलिया में फ़ेडरल लेजिस्लेशन द्वारा कंगारू को संरक्षित किया गया है. उसका मांस सामान्यतः जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम के तहत विशेष-लाइसेंस प्रदत्त शिकारियों द्वारा ही सप्लाई किया जाता है.

55. प्रोकोप्टोडोन कंगारू (Procoptodon Kangaroo) कंगारू की वह प्रजाति है, जो विलुप्ति के कगार पर है.

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