43 Amazing Facts About Badrinath in Hindi | बद्रीनाथ के बारे में रोचक तथ्य हिंदी में

Amazing Facts About Badrinath in Hindi : नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे एक और नयी पोस्ट Amazing Facts About Badrinath in Hindi में | इस पोस्ट में हम बद्रीनाथ के बारे में रोचक तथ्य को जानेंगे , जिसके बारे में शायद ही आपको पता होगा , तो चलिए जान लेते हैं बद्रीनाथ के बारे में रोचक तथ्य ( Amazing Facts About Badrinath in Hindi ) क्या है ?

43 Amazing Facts About Badrinath in Hindi 

1 . भगवान बद्रीनाथ को बद्री विशाल नाम से पुकारते हैं।

2 . बद्रीनाथ मंदिर को बद्रीनारायण मंदिर भी कहा जाता है। जो की उत्तराखंड राज्य में चमोली जिले स्थित है।

3 . शास्त्रों में लिखा गया है कि मनुष्य को जीवन में कम से कम एक बार बद्रीनाथ के दर्शन जरूर करने चाहिए।

4 . बद्रीनाथ के पुजारी शंकराचार्य के वंशज होते हैं,जो रावल कहलाते हैं।यह जब तक रावल के पद पर रहते हैं इन्हें ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है।

5 . बद्रीनाथ मंदिर में हिंदू धर्म के देवता विष्णु के एक रूप “बद्रीनारायण” की पूजा होती है। यहाँ उनकी 1 मीटर 3.3 फीट लंबी शालिग्राम से निर्मित मूर्ति है।

6 . मान्यता है कि इसे आदि शंकराचार्य ने 8 वीं शताब्दी में समीपस्थ नारद कुण्ड से निकालकर स्थापित किया था।

7 . मान्यता के अनुसार ही बद्रीनाथ दर्शन से पूर्व केदारनाथ के दर्शन किए जाते हैं।

8 . बद्रीनाथ की महिमा का वर्णन स्कंद पुराण, केदारखंड, श्रीमद्भागवत आदि में अनेक जगहों पर आता है।

9 . बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु के रूप में बद्रीनाथ को समर्पित है।

10 . जो भी बद्रीनारायण की परिक्रमा करता है, उसे पृथ्वी दान का फल मिलता है।

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11 . बद्रीनाथ मंदिर पर सोने का छत्र और कलश इंदौर की महारानी अहिल्याबाई ने चढ़वाया था।

12 . 2013 में उत्तराखंड में आई आपदा के बाद यहां तीर्थ यात्रियों की संख्या काफी कम हो गई थी।

13 . बद्रीनाथ की ऊंचाई है- 1048 फुट, यानी कोई दो मील। एक समय था जब पथ और भी बीहड़ थे।

14 . यह मंदिर बहुत पुराना है। लिखा हैं मुनियों ने मूर्ति को निकाला। वह सांवली है। उसमें भगवान बद्रीनारायण पद्मासन लगाए तप कर रहे है।

15 . हालांकि बद्रीनाथ उत्तर भारत में स्थित है, परन्तु फिर भी मंदिर के रावल या मुख्य पुजारी परंपरागत रूप से दक्षिण भारतीय राज्य केरल से चुने गए नंबुद्री ब्राह्मण ही होते हैं।

16 . बद्रीनाथ धाम चार धामों में से एक है। इस धाम के बारे में यह कहावत है कि ‘जो जाए बदरी‘ , ‘वो ना आए ओवरी’ यानी जो व्यक्ति बद्रीनाथ के दर्शन कर लेता है।

17 . बद्रीनाथ में भगवान शिव को ब्रह्महत्या के पाप से मुक्ति मिली थी, इस घटना की याद दिलाता है वह स्थान जिसे आज ब्रह्म कपाल के नाम से जाना जाता है।

18 . बद्रीनाथ मन्दिर की उत्पत्ति के विषय में अनेक मत प्रचलित हैं। कुछ स्रोतों के अनुसार, यह मन्दिर आठवीं शताब्दी तक एक बौद्ध मठ था, जिसे आदि शंकराचार्य ने एक हिंदू मंदिर में परिवर्तित कर दिया।

19 . बद्रीनाथ मन्दिर की भौगोलिक अवस्थिति 30.74° उत्तरी अक्षांश तथा 79.88° पूर्वी देशांतर पर है।यह स्थान, उत्तरी भारत में हिमालय की ऊँची पर्वत श्रेणियों के क्षेत्र में बसे भारतीय राज्य उत्तराखंड के चमोली जनपद में है।

20 . बद्रीनाथ के पुजारी शंकराचार्य के वंशज होते हैं, जो रावल कहलाते हैं। यह जब तक रावल के पद पर रहते हैं इन्हें ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है। रावण के लिए स्त्रियों का स्पर्श भी पाप माना जाता है।

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21- जो भी भक्त बद्रीनाथ भगवान के दर्शन के लिए आता है ,वह फिर कभी माता के गर्भ में प्रवेश नहीं करता है,यानी वह संसार से मुक्ति पा लेता है।

22- केदारनाथ को यहां भगवान शंकर को आराम करने का स्थान माना गया है वहीं बद्रीनाथ को सृष्टि का आठवां वैकुंठ कहा गया है, जहां भगवान विष्णु 6 माह निद्रा में रहते हैं और 6 माह जागते हैं।

23- बद्रीनाथ स्थान को भगवान विष्णु ने शिव से मांगा था।

24- बद्रीनाथ में शालग्रामशिला से बनी विशालकाय मूर्ति है, जो चतुर्भुज ध्यान मुद्रा में है। यहां नर-नारायण विग्रह की पूजा होती है और अखण्ड दीप जलता है ।

25- बद्रीनाथ धाम दो पर्वतों के बीच बसा हुआ है, इन पर्वतों को नर और नारायण पर्वत कहा जाता है।

26- बद्रीनाथ का नाम इसलिए बद्रीनाथ है क्योंकि यहां प्रचुर मात्रा में पाई जाने वाली जंगली बेरी को बद्री कहते हैं। इसी कारण इस धाम का नाम बद्री पड़ा।

27- जब केदारनाथ और बद्रीनाथ के कपाट छह माह बाद खुलते है तो वहाँ दीपक दर्शन का खास महत्व रहता है, क्योंकि यहाँ छह माह तक दीपक जलता रहता है।

28- सतयुग में बद्रीनाथ धाम की स्थापना नारायण ने की थी। भगवान केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के बाद बद्री क्षेत्र में भगवान नर-नारायण का दर्शन करने से मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं ।

29- बद्रीनाथ मंदिर हिमालय क्षेत्र में आता है और बर्फीले पहाड़ों से घिरा है।

30- बद्रीनाथ नाथ धाम की यह प्राचीन मान्यता है कि यहां आकर श्रद्धालुओं की सभी इच्छाएं अवश्य पूर्ण होती है।

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31- बद्रीनाथ की जबरदस्त खाशियत है कि यह 3,300 मीटर / 10,826 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है जहाँ तापमान बेहद ठंडा रहता है।

32- बद्रीनाथ धाम में ही भगवान शिव को ब्रह्महत्या से मुक्ति मिली थी।

33- बद्रीनाथ मंदिर छह महीने के लिए शर्दियों के समय बंद रहता है जिसका कारण अत्यधिक बर्फ़बारी और स्थान तक न पहुँच पाना है। पूरा मंदिर बर्फ से ढक जाता है।

34- बद्रीनाथ गुफा में ही वेदव्यासः जी ने महाभारत लिखी थी, और पांडवों का आखिरी पड़ाव भी यहीं था।

35- एडविन टी॰ एटकिंसन ने अपनी किताब, “द हिमालयन गजेटियर” में बताया है कि इस स्थान पर पहले बद्री के घने वन पाए जाते थे जिससे इस स्थान को अपना नाम मिला।

36- पौराणिक कथाओं के हिसाब से भी भगवान विष्णु का यहाँ बद्री पेड़ के निचे बैठ कर तपस्या करने का वर्णन है, जिसके चलते इससे बद्रीनाथ नाम मिला।

37- वास्तुकला में इस मंदिर का निर्माण बौद्ध मंदिरों की तरह हुआ है,यह बौद्ध मंदिर की तरह ही दिखता है।

38- यह मंदिर सबसे ज्यादा ऊंचाई पर स्थित मंदिर में से एक है, यह मंदिर  अलकनंदा नदी के किनारे गढ़वाल पहाड़ियों में स्थित है।

39- बद्रीनाथ मंदिर के मंडप के अन्दर एक बड़े स्तम्भों वाला हाॅल है,जो गर्भगृह या मुख्य मंदिर क्षेत्र की ओर ले जाता है।

40- यह मंदिर भारत के सबसे ज्यादा भ्रमण किये जाने वाले मंदिरों में से एक है जिसे प्रत्येक वर्ष लगभग 106,0000 से अधिक लोग देखने आते है।

41- बद्रीनाथ मंदिर को धरती का वैकुण्ठ भी कहा जाता है।

42- आचार्य शंकराचार्य की व्यवस्था के अनुसार मंदिर का पुजारी दक्षिण भारत के केरल राज्य से होता है।

43- बद्रीनाथ मंदिर तीन भागों में विभाजित है,गर्भगृह,  दर्शन मंडप और सभा मंडप।

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